ना चाह कर मैं हूं परेशान्, क्या करूं? करना सब कुछ चाहूं, पर कर ना सकूं। ना चाह कर मैं हूं परेशान्, क्या करूं? करना सब कुछ चाहूं, पर कर ना सकूं।
तूफानों से लड़कर आते , पत्थर के प्रहार भी सहते नमन भारत के लाल को जो वारे देश पर शरी तूफानों से लड़कर आते , पत्थर के प्रहार भी सहते नमन भारत के लाल को जो वार...
कोई भी तीर ठीक निशाने पे न लगा, नज़रें भटक गईं या निशाना ख़राब है। कोई भी तीर ठीक निशाने पे न लगा, नज़रें भटक गईं या निशाना ख़राब है।
ऐसा लगता है मन कहीं भटक गया रोक नहीं पाया उस जुनून को ऐसा लगता है मन कहीं भटक गया रोक नहीं पाया उस जुनून को
दिल तोड़कर मेरा कहाँ हुआ मुंह पीला ही नहीं बदल लो लाख आशिक कपड़ों की तरह दिल तोड़कर मेरा कहाँ हुआ मुंह पीला ही नहीं बदल लो लाख आशिक कपड़ों की तरह
मैं भी चली जा रही हूँ चाहे-अनचाहे रास्तो पर, मालुम नहीं कहाँ जाकर के रूकना है .... मैं भी चली जा रही हूँ चाहे-अनचाहे रास्तो पर, मालुम नहीं कहाँ जाकर के रूकना है .....